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शैक्षणिक / विभाग

विभाग

उत्तर पूर्व क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान में संस्थान के विभिन्न अकादमिक कार्य को करने के लिए 4 विभाग हैं। विभागों के बारे में संक्षिप्त जानकारी और प्रत्येक विभाग में सदस्यों की सूची निम्नवत् है :


1. शिक्षा विभाग (डी.ई.)

यह एनईआरआईई, उमियाम के चार विभागों में से एक है। शिक्षा विभाग का मुख्य अधिदेश नए और नवाचारी अध्यापक तैयार करना और क्षेत्र के संदर्भगत वास्तविकताओं से साकार तथा बदलती व्यावसायिक अपेक्षाओं से कदम मिलाने में पर्याप्त सक्षम सेवारत अध्यापकों को व्यावसायिकल रूप से सुविज्ञ बनाना है। यह विभाग प्राथमिकतया संस्थान में चलाए जा रहे 2 वर्षीय नियमित बी.एड. कार्यक्रम, मार्गदर्शन एवं परामर्श डिप्लोमा, प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम आदि जैसे शिक्षा संबंधी पाठ्यक्रमों का प्रबंधन करना है। इसके अतिरिक्त, अध्यापक क्षेत्र के प्रदायक राज्यों की शिक्षा की आवश्यकताओं की आपूर्ति हैतु अनुसंधान, शिक्षण अधिगम सामग्री का निर्माण, अल्पकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन और संगोष्ठियों एवं सम्मेलनों के आयोजन के रूप में परिषद द्वारा अनुमोदित पीएसी कार्यक्रमों का भी आयोजन करता है। विभाग का अध्यापक संस्थान के अकादमिक मंच/अनुसंधान मंच के माध्यम से नियमित रूप से गंभीर अकादमिक चर्चाओं में करते रहते हैं और उनके नाम पर अच्छे प्रकाशन हैं। इस विभाग/संस्थान के उत्पादों को देश के विभिन्न विद्यालयों और विद्यालय संगठनों/अन्य संगठनों के द्वारा स्वागत किया जाता है और वे प्रत्येक वर्ष परिसर चयन के लिए संस्थान में आते हैं।

सदस्य - शिक्षा विभाग

  1. प्रोफेसर. सुभाष चन्द्र रॉय, हेड डी.ई
  2. डॉ. फ्लोरेट जी दखार, प्रोफेसर
  3. श्री. आनंद वाल्मिकी, सहायक प्रोफेसर
  4. डॉ. प्राची गिल्ढयाल, सहायक प्रोफेसर
  5. डॉ. बासंसी खारलुखी, सहायक प्रोफेसर


2. भाषा एवं सामाजिक शिक्षा विभाग (डीईएलएसएस)

भाषा एवं सामाजिक शिक्षा विभाग में हमारे पाँच स्थाई अध्यापक सदस्य हैं और दो संविदागत अध्यापक सदस्य है जो अंग्रेजी, भाषा विज्ञान, इतिहास, भूगोल और समाजशास्त्र पढ़ाते हैं। वे दो वर्षीय बी.एड. पाठ्यक्रमों में कक्षाएँ लेते हैं और उत्तर पूर्व के आठ राज्यों में विभिन्न अध्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन भी करते हैं। एनईआरआईई दो वर्षीय बी.एड. पाठ्यक्रम चला रहा है और इसमें 100 विद्यार्थियों का प्रवेश होता है परन्तु वर्तमान में दो बैचों में हमारे 95 विद्यार्थी हैं। हमारे संस्थान में विद्यार्थियों के कार्यकलापों कीनिगरानी के लिए अकादमिक अनुभाग है। विद्यार्थियों के लिए हमारे पास एक बालक छात्रावास और एक बालिका छात्रावास है।

सदस्य - डीईएलएसएस

  1. श्रीमती शतरूपा पलित, एसोसिएट फ्रोफेसर एवं डीन(शिक्षा)
  2. डॉ. सीमा सैयगल, एसोसिएट प्रोफेसर एवं हेड डीईएलएसएस
  3. श्री राम अवधेश सिंह, सहायक प्रोफेसर
  4. श्री तरोंग्वी न्यूनेई, सहायक प्रोफेसर
  5. डॉ. मलिसा जी. वलांग, सहायक प्रोफेसर
  6. डॉ. सरजूबाला देवी, सहायक प्रोफेसर


3. विस्तार शिक्षा विभाग (डीईई)

विस्तार शिक्षा विभाग, एनईआरआईई, शिलांग संस्थान के सेवाकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन एवं देखभाल करता है। प्रत्येक वर्ष संस्थान अनुसंधान परियोजना, विस्तार कार्यक्रमों, निर्माण कार्यक्रम और प्रशिक्षण कार्यक्रम सहित विभिन्न प्रकार के सेवाकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करता है। वर्षों से जिन क्षेत्रों को हमने शामिल किया है वे हैं: माध्यमिक स्तर पर विज्ञान में विद्यार्थियों के निष्पादन पर अनुसंधान विद्यार्थियों को प्रभावित करते कारक, आईसीटी एकीकरण में अधिगम, शिक्षण-अधिगम समावेशी शिक्षा, एनसीएफटीई-2009 के आलोक में उत्तर-पूर्व क्षेत्र की अध्यापक शिक्षा पाठ्यचर्या: एक विश्लेषण, माध्यमिक स्तर पर में ड्रापआउट संकट की स्थिति खोजना, प्रारंभिक स्तर पर दिव्यांग विद्यार्थियों का अंग्रेजी भाषा अधिगम, शिक्षा के अधिकार का कार्यान्वयन, समुदाय सदस्यों की अवधारणा एवं दृष्टिकोण, विद्यार्थी प्रदर्शन को प्रभावित करते कारक, उत्तर-पूर्वी राज्यों के प्रारंभिक विद्यालयों में विज्ञान किटों का उपयोग, समावेशी व्यवस्था में श्रवण-बाधितों का भाषा अधिगम, विद्यार्थी-अध्यापक का पारस्परिक विचार-विमर्श, संकेत भाषा का प्रलेखन, प्रश्नपत्रों का योगदायक कारक, सरकारी प्रयोगशालाओं तक पहुँच और उपयोग, विद्यार्थी अनुपस्थिति में भौतिक कारकों की सुलभता एवं उपयोज्यता, प्रशिक्षण कार्यक्रमों का मूल्यांकन, प्रारंभिक विद्यालयों में विद्यालय प्रबंधन समितियों के प्रकार्य, सेवाकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के प्रभाव का मूल्यांकन, प्राथमिक स्तर पर शिक्षणरत अध्यापकों के प्रेरणा एवं प्रतिबद्धता स्तर को प्रभाव करते कारक, सीखने में कठिनाई महसूस करने वाले बच्चों, प्रारंभिक विद्यालय स्तर पर एनसीईआरटी मध्यस्थताओं का कार्यान्वयन। एनईआरआइई ने अनेक निर्माण कार्यक्रमों को आरंभ किया है जैसे कि प्रवर प्राथमिक स्तर पर सामाजिक विज्ञान के शिक्षण हेतु शिक्षाशास्त्र एवं संसाधन के प्रति रचनाकारी दृष्टिकोण पर सामग्री का निर्माण, माध्यमिक स्तर के लिए भू विज्ञान किट का डिज़ाइन एवं निर्माण, मिज़ोरम एवं मणिपुर के विद्यालयों में शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में नवाचारी पद्दतियों (स्थानीय विशिष्ट) का प्रलेखन एवं साझाकरण, प्रारंभिक विद्यालय अध्यापकों हेतु सीसीई पर एक स्थानीय/क्षेत्रीय विशिष्ट स्रोत पुस्तक का निर्माण, रंगमेई, तंग्खुल और कोम भाषाओं से मणिपुरी (विद्यालय भाषा) में एक अनुकरणीय सेतु सामग्री का विकास, एनसीएफटीई, 2009 एवं एनसीएफटीई, 2014 के नए विनियम पर मिज़ोरम के ज्ञान साधन व्यक्तियों के लिए एक पैकेज एवं अभिमुखीकरण का निर्माण, संस्थागत निधान का निर्माण, प्रारंभिक स्तर पर पाठन संवर्धन के लिए लोक कथाओं का संकलन, उत्तर-पूर्वी राज्यों के प्रारंभिक विद्यालयों में सीसीई की उत्तम पद्धतियों का प्राथमिक स्तर में प्रयुक्त विषयवस्तु एवं प्रयोजनमूलक शब्दों की पहचान एवं व्याख्या करना, एनईआरआइई में कला, शिल्प एवं संस्कृति पर संसाधन और संबंधित कार्यकलापों की स्थापना, अरूणाचल प्रदेश के संदर्भ में कक्षा VI के लिए सामाजिक विज्ञान में अनुपूरक शिक्षण-अधिगम सामग्री का निर्माण, उत्तर पूर्व भारत की अनुसूचित भाषाओं में बरखा श्रृंखला को संदर्भगत करना (अनुवाद एवं अंगीकरन), बाल अधिकारों एवं बाल सुरक्षा पर प्रशिक्षण मॉड्यूल का निर्माण, कक्षागत कक्षाओं के लिए अंग्रेजी में बालकेन्द्रित अनुपूरक पाठन सामग्री का निर्माण, एनईआरआइई में संस्थागत निधान का निर्माण, प्राथमिक-पूर्व स्तर के लिए कार्यकलाप आधारित अधिगम सामग्री का निर्माण, बंगाली से कोकबराक एवं विलोमत: (विद्यालय भाषा) एक अनुकरणीय सेतु सामग्री का निर्माण, अधिगम में समस्याग्रस्त बच्चों के लिए मैतैयी मथक (मणिपुरी लिपि) को पढ़ने के लिए परस्पर क्रियात्मक शैक्षिक सॉफ्टवेयर का निर्माण, ई-अधिगम संस्थानों का निर्माण, कहानियों/लोककथाओं का संकेत भाषा में संकलन, 'वनों के कटाव' पर एक वृतचित्र का निर्माण, ऑडियो-वीडियो अधिगम पैकेज का निर्माण, कार्यक्रमों की स्थिति जानने के लिए गतिशील वेबाइट का निर्माण, कार्यकलाप आधारित अध्यापक हस्तपुस्तिका का निर्माण। प्राथमिक स्तर पर बहुभाषी कक्षाओं में शिक्षण-अधिगम पर प्रशिक्षण, अध्यापक प्रशिक्षकों एवं अध्यापकों की किशोरावस्था की समस्याओं हेतु मनो-शैक्षिक मध्यस्थताओं पर प्रशिक्षण। इसके अतिरिक्त पर्यावरण भूगोल अंग्रेजी में संचार कौशल, विषय वस्तु संवर्धन और इतिहास एवं सामाजिक विज्ञान में शिक्षाशास्त्र, परियोजना मूल के विशेष संदर्भ में पर्यावरण का शिक्षण एवं अधिगम, सामाजिक विज्ञान एवं भाषाओं माध्यमिक स्तर पर विज्ञान एवं गणित शिक्षण एवं अधिगम में आईसीटी का उपयोग विज्ञान एवं गणित में अधिगम संसाधनों का उपयोग, विज्ञान एवं गणित का सुधार पर कार्यक्रमों जैसे विषम विशिष्ट की की पूर्ति करने वाले क्षेत्रों पर जोर दिया गया है। और भी प्रबलन क्षेत्र हैं जो जनजातीय भाषा पर ध्यान केन्द्र करते हैं जैसे कि नई मान्यताप्राप्त जनजातीय भाषा पाठ्यपुस्तक लेखकों का प्रशिक्षण, सीखने के प्रतिफलों की निर्माण दक्षता, तनाव प्रबंधन तकनीकें, विस्तार कार्यक्रम के अंतर्गत परामर्श एवं मार्गदर्शन। विस्तार कार्यक्रम के एनईआरआइई ने अनेक राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय स्तर के सम्मेलन एवं संगोष्ठियाँ आयेजित की हैं। इनमें शामिल क्षेत्र हैं विद्यालय स्तर पर सीखने के प्रतिफलों में सुधार, नीति, स्वास्थ्य, सतत विकास लक्ष्य 2013 की प्राप्ति, एक उत्प्रेरक के रूप में शिक्षा, विद्यालयी शिक्षा में शिक्षाशास्त्रीय नवाचारों पर राष्ट्रीय महत्व के दिनों पर विद्यालयी बच्चों में 'एक्सप्रेशन सीरीज' का आयोजन, भारतीय शिक्षाविदों के योगदान पर विस्तृत व्याख्यान, पर्यावरण, जंगल, जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन पर विद्यार्थी सम्मेलन।
एनईआरआईई में हम एनसीईआरटी के अंतर्गत अनुसंधान परियोजना भी संभावित करते है जो कि प्रखण्ड अनुसंधान परियोजना है।

सदस्य - विस्तार शिक्षा विभाग

  1. प्रोफेसर बलैदा आर. दखार, डीन (अनुसंधान)/अध्यक्ष
  2. श्री बी. उमेश कुमार शर्मा, सहायक प्रोफेसर


4. विज्ञान एवं गणित शिक्षा विभाग

डीईएसएम, एनईआरआईई उत्तर पूर्व क्षेत्र के राज्यों के लिए विज्ञान, गणित, पर्यावरण अध्ययन और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में अनुसंधान आयोजित करने, विकास कार्यक्रमों को चलाने, प्रशिक्षण कार्यक्रम आयजित करने, अन्य विस्तार कार्यकलापों और मूल्यांकन के साथ अभिमुखीकरण कार्यक्रमों के संचालन की जिम्मेदारियाँ उठाता है। विभाग के लिए संचालित अनुसंधान कार्यकलापों में पाठ्यचर्या अध्ययन, पाठ्यचर्या संचालन, विद्यालय स्तरों पर उपर्युक्त क्षेत्रों में शिक्षण-अधिगम प्रक्रियाओं का प्रभाव शामिल है। यह विभाग विभिन्न विकास कार्यक्रमों का आरंभ करता है जिसमें शिक्षण-अधिगम सामग्री, अनुपूरक पाठन सामग्री, विज्ञान, गणित एवं पर्यावरण शिक्षा के क्षेत्र अध्यापक पुस्तिका, आवश्यकता अनुसार प्रशिक्षण सामग्री शामिल हैं। यह विभाग शिक्षक प्रशिक्षकों, प्रधान अध्यापकों और प्रमुख ज्ञान साधन व्यक्तियों के लिए विज्ञान एवं गणित शिक्षा से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं अभिमुखीकरण कार्यक्रम भी आमंत्रित करता है। कार्यक्रम अनुमोदन समिति से अनुमोदित कार्यक्रमों के अतिरिक्त यह विभाग संगोष्ठियाँ, विश्व पर्यावरण दिवस समारोह, राष्ट्रीय विज्ञान दिवस और अंतरराष्ट्रीय वन्य दिवस आदि जैसे विज्ञान एवं गणित क्षेत्र में राष्ट्रीय महत्व के कार्यक्रमों का भी आयोजन करता है। यह विभाग मानव संसाधन विकास मंत्रालय एवं राष्ट्रीय शिक्षा संस्थान द्वारा सुपुर्द कार्यक्रमों एवं कार्यों को भी संपन्न करता है। समय-समय पर क्षेत्र के राज्यों की शैक्षिक एजेंसियों को विज्ञान एवं गणित के क्षेत्र में अकादमिक सहयोग एवं परामर्श सेवाएँ प्रदान करना इस विभाग का एक और महत्वपूर्ण कार्य है। डीईएस, एनईआरआईई में छह अध्यापक सदस्य हैं जिसमें नियमित और गणित के एक संविदागत अध्यापक शामिल हैं।

सदस्य - डीईएसएम

  1. डॉ. ब्रजमंती देवी, एसोसिएट प्रोफेसर
  2. डॉ. तुलिका डे, एसोसिएट प्रोपेसर एवं हेड डीईएसएम
  3. श्री अर्नब सेन, सहायक प्रोफेसर
  4. डॉ. सीमा. आर सहायक प्रोफेसर


| एनईआरआईई, एनसीईआरटी द्वारा डिज़ाइन एवं विकसित |
| एनआईसी द्वारा समर्थित |
| प्रयोग की शर्तें |
|विजिटर सं.: visitor counter |

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उत्तर पूर्व क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान, एनसीईआरटी
उमियाम, राईभोई जिला, मेघालय - 793103

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