प्रारंभिक बाल्यावस्था गर्भधारण से 8 वर्ष तक की आयु की अवधि को इंगित करती है - क्षमताओं के निर्माण और शिक्षा के पूर्व-प्राथमिक (6वर्ष तक) से प्राथमिक (6-8 वर्ष) स्तर तक स्त्रोत्र परिवर्तन के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण अवधि है। इस समय समुचित पोषण और समर्थन भी महत्वपूर्ण होता है ताकि स्वास्थ्य एवं पोषण आवश्यकताओं के साथ ही भावनात्मक एवं मनोवैज्ञानिक कल्याण भी सुनिश्चित किया जा सके। शिक्षा शब्द में क्षमताओं, कौशलों, ज्ञान के अधिगम के साथ ही औपचारिक विद्यालय व्यवस्था में सहज प्रवेश के लिए बच्चे को तैयार करना शामिल है। भाषा बोध, लगाव, मूल भरोसा, भावनात्मक विकास आदि जैसी सभी मूलभूत क्षमताओं को सीखने एवं अर्जित करने के लिए बाल्यावस्था एक महत्वपूर्ण अवधि है और अनुसंधानों ने दर्शाया है कि इन वर्षों के दौरान विकास के मार्ग में हुए लाभ एवं हानि कमोवेश अपरिवर्तनीय हैं। अध्ययनों ने यह बताया है कि गुणकारी ईसीई का भावी अकादमिक उपलब्धियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, ड्रॉपआउट घटता है और यह बच्चे को सामाजिक रूप से प्रभावी बनाती है। ईसीई में निवेश के समुदाय/देश के आर्थिक विकास में दूरगामी लाभ भी होते हैं। गुणकारी ईसीई की कमी के परिणामस्वरूप भयंकर कुपोषण, उच्च बाल-मृत्यु दर और असमान लिंगानुपात के सथ ही निम्न अकादमिक निष्पादन भी हो सकते हैं। अत: ईसीई बच्चे की शैक्षिक के साथ-साथ मनोवैज्ञानिक आवश्यकताओं को इस प्रकार पूरा करने का प्रयास है जिससे कि बच्चे का संपूर्णतया विकास हो ताकि वह अपनी संभावनाओं को पूर्णतया साकार कर सके और एक सार्थक एवं जिम्मेदार ढंग से समाज में योगदान कर सके।
ईसीई में प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम
एनईआरआईई दिसम्बर 2013 से यह प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम उन पेशेवरों को प्रशिक्षित करने के लिए चला रहा है जो गुणकारी और सांस्कृतिक रूप से संगत ईसीई प्रदान करते हुए योगदान कर सकें। चौथे वर्ष में वर्तमानत: यह पाठ्यक्रम निम्नवत लक्ष्य रखता है:
• अपने राज्यों के ईसीई पदधारियों को प्रशिक्षित करने के लिए डाइट/एससीईआरटी और आईसीडीएस संस्थानों के कार्मिक ज्ञान साधन व्यक्तियों के रूप में कार्य करेंगे
• प्रशिक्षण संस्थानों से नर्सरी अध्यापक और समाज की वंचित जनसंख्या की सेवा करने वाले गैर सरकारी संगठनों के व्यक्ति
• प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा में कॅरियर बनाने के इच्छुक व्यक्ति
इसका लक्ष्य संसाधन व्यक्तियों के एक संवर्ग का निर्माण करना है जो समुदायों में आवश्यकता, महत्व और उत्तम गुणकारी ईसीई कार्यक्रमों के बारे में जागरुकता लाने, ईसीई पदधारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करने, विभिन्न स्तर के पदधारियों के लिए संसाधन सामग्री का निर्माण करने, बच्चों के लिए अधिगम सामग्री तैयार करने और ईसीई क्षेत्र में अनुसंधान अध्ययनों का संचालन करे।
पाठ्यक्रम के उद्देश्य
• बच्चे को गुणकारी ईसीई प्रदान करने हेतु पेशेवरों को तैयार करना
• विद्यार्थियों को ईसीई से संबंधित विभिन्न सैधांतिक मुद्दों से परिचित कराना
• विद्यार्थियों को ईसीई के बारे में ज्ञान के अनुप्रयोग में प्रशिक्षित करना
• उनको गुणकारी ईसीई के बारे में ज्ञानवर्धन हेतु संसाधन व्यक्तियों के रूप में कार्य करने में समर्थ बनाना
उपर्युक्त उद्देश्यों को निम्नवत् के माध्यम से प्राप्त किया जाएगा
• बाल उत्थान और विकास एवं अधिगम के सिद्धांतों पर गहन प्रशिक्षण
• प्रशिक्षुओं को 0-8 वर्ष की आयु समूह में शिशुओं एवं बच्चों की आवश्यकता के लिए संवेदनशील बनाना
• प्रशिक्षुओं को प्रभावी और आयु अनुकूल शिक्षण अधिगम परिपाटियों के लिए संवेदनशील बनाना
• ईसीई के अनुसंधान और प्रोत्साहन में क्षमता निर्माण - इसका सिद्धांत एवं व्यवहार
• शारीरिक, मनोवैज्ञानिक एवं मानसिक समस्याओं की शीघ्र पहचान के कौशल में उनको प्रशिक्षित करना ताकि वे विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के प्रति संवेदनशील बन सकें।
पाठ्यक्रम संरचना एवं शिक्षाशास्त्र
• इस पाठ्यक्रम में ईसीई के लिए विभिन्न कौशलों के लिए सैद्धांतिक समझ के व्याख्यान, प्रस्तुतीकरण एवं चर्चाएँ, अभ्यास सत्र शामिल हैं और पाठ्यक्रम के दौरान सीखे गए सिद्धांत एवं कौशलों का अभ्यास करने के लिए इंटर्नशिप है। यह पाठ्यक्रम प्रशिक्षण में व्यावहारिक कार्य पर बल देता है।
• आँगनवाड़ी, शिशुसदन, प्री-स्कूल आदि विभिन्न ईसीई व्यवस्थाओं में प्रशिक्षण
यह पाठ्यक्रम निम्नवत् तीन चरणों में विभाजित है
• प्रथम चरण: एनईआरआईई में सिद्धांत एवं कौशल विकास के छह सप्ताह
• दूसरा चरण: किसी ईसीई केन्द्र में गहन इंटर्नशिप के पांच सप्ताह। इस इंटर्नशिप में ईसीई केन्द्र से संलग्नता और पसंद के क्षेत्र में कार्य करना शामिल है। यहाँ पर अनुसंधान की बजाए पाठ्यक्रम के दौरान सीखे कौशलों को निखारने पर बल दिया जाएगा।
• तीसरा चरण : प्रशिक्षार्थी अंतिम चरण में परीक्षाओं/आकलन और अनुभवों को साझा करने के लिए एनईआरआईई में वापिस आएंगे।
अधिक विवरण हेतु लिखे: prachi(dot)rd(at)gmail(dot)com
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