राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) विद्यालयी शिक्षा में एक शीर्ष निकाय है। राज्यों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने और नवाचारी सेवा-पूर्व कार्यक्रमों अर्थात् दो वर्षीय बी.एड., दो वर्षीय एम.एड., बी.एस.सी.एड, बी.ए.बी.एड., शिक्षा में एम.फिल. और पीएच.डी. प्रस्तुत करने के लिए अजमेर, भोपाल, भुवनेश्वसर मैसूर और शिलांग में पांच क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान हैं। उत्तर पूर्व क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान (एनईआरआईई) एनसीईआरटी के पांच क्षेत्रीय शिक्षा संस्थानों में से एक है और आठ उत्तर पूर्वी राज्यों नामत: अरूणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नागालैण्ड, सिक्किम और त्रिपुरा की सरकारों के लिए विद्यालयी शिक्षा के सक्षी पहलुओं पर नीतियों एवं कार्यक्रमों में अकादमिक एवं तकनीकी सक्षी पहलुओं पर नीतियों एवं कार्यक्रमों में अकादमिक एवं तकनीकी सहयोग प्रदान करने के लिए अधिदेश प्रप्त है। एनईआरआईई नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी (नेहु), शिलांग से संबद्ध है। यह उत्तर पूर्व क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए अगस्त 2016 से दो वर्षीय बी.एड. पाठ्यक्रम पेश कर रहा है। यह एक पूर्वकालीन, नियमित और एनसीटीई से अनुमोदित पाठ्यक्रम है। यह पाठ्यक्रम अन्य क्षेत्रीय शिक्षा संस्थानों द्वारा गत् अनेक वर्षों से पेश किया जा रहा है और देशभर में सुस्थापित एवं लोकप्रिय पाठ्यक्रम है।
दो वर्षीय बी.एड. के बारे में : राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की सिफारिशों पर आधारित और माध्यमिक विद्यालय अध्यापकों की पेशेवर अपेक्षाओं की पूर्ति के लिए डिज़ाइन किया गया है दो वर्षीय बी.एड. पाठ्यक्रम विज्ञान, गणित, भाषा (अंग्रेजी) और सामाजिक विज्ञान में माध्यमिक विद्यालय के लिए गुणवत्तापूर्ण अध्यापक प्रदान करता है। इस पाठ्यक्रम में प्रवेशप्राप्त विद्यार्थी शिक्षणशास्त्र पाठ्यक्रमों के तीन संयोजनों में से किसी को भी चुन सकते हैं। शिक्षा स्नातक (बी.एड.) कार्यक्रम को शिक्षार्थी अध्यापकों के मध्य माध्यमिक एवं वरिष्ठ माध्यमिक स्तर पर शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया की समझ का विकास करने के उद्देश्य से डिज़ाइन किया गया है। यह शिक्षार्थी-अध्यापकों के लिए शिक्षा के परिप्रेक्ष्य पर समालोचनात्मकता से विचार करने और ज्ञान के सृजन हेतु अधिगमकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी को सुगम्य बनाने के लिए सिद्धांतों एवं परिपाटियों को पूर्णतावादी ढंग से एकीकृत करने पर केन्द्रित करता है।
कार्यक्रम के उद्देश्य : यह बी.एड. कार्यक्रम निम्नवत पर केन्द्रित करता है।
- समकालीन भारतीय समाज में शिक्षा के संदर्भ की समझ का विकास करना,
- समावेशी व्यवस्था में अधिगम को सुगम्य बनाने में अधिगमकर्ताओं से संबंधित संदर्भ एवं सामाजिक राजनीतिक वास्तविकताओं की भूमिका को समझना,,
- & कक्षाकक्ष में भाषा विविधता एवं शिक्षण-अधिगम में इसकी भूमिका के बारे में संवेदनशीलता बनाना,
- & विद्यालयी पाठ्यचर्या में शास्त्रीय ज्ञान के संकल्पनाशीलन में आमूल-चूल परिवर्तन की समझ का विकास करना,
- & विद्यालय, कक्षाकक्ष, पाठ्यचर्या, पाठ्यपुस्तक, सामाजिक संस्थानों आदि में लैंगिक असमानताओं की पहचान करना, चुनौती देना और दूर करना,,
- & अधिगम अनुभवों को संगठित करने के लिए शिक्षार्थी-अध्यापकों को आवश्यक क्षमताएँ अर्जित करने में समर्थ बनाना,,
- & शिक्षार्थी-अध्यापकों में अधिगम को सुविधाजनक बनाने के लिए उपयुक्त आकलन कार्यनीतियों का चयन एवं उपयोग करने के लिए क्षमताओं का निर्माण करना,
- & विभिन्न पाठ्यचर्यात्मक क्षेत्रों में घनिष्ठ संबंध स्थापित करने के लिए शिक्षार्थी-अध्यापकों को स्वयं, बच्चे, समुदाय और विद्यालय के साथ जोड़ना,
- & शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने और विद्यालय प्रबंधन में आईसीटी को एकीकृत करने में शिक्षार्थी-अध्यापकों को समर्थ बनाना,
- & शिक्षार्थी-अध्यापकों के अनुभवों को व्यवस्थापित करना एवं पेशेवर क्षमताओं को सशक्त बनाना, और
- & माध्यमिक/वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में प्रशिक्षुओं के रूप में शिक्षार्थी-अध्यापकों की भागीदारी के माध्यम से सभी विद्यालयी कार्यकलापों का नया अनुभव प्रदान करना।
1. बालिकाओं/बालकों के लिए अलग छात्रावास सुविधाएँ उपलब्ध हैं
2. बिजली एवं सुरक्षित पेयजल
3. आग के खतरों से सावधानी
4. वाई-फाई के माध्यम से इंटरनेट सुविधाएँ
5. फर्नीचर सुविधाएँ
6. आईसीटी प्रयोगशाला (परियोजनाओं/असाइनमेंट कार्यों का टंकण आदि))
7. कैन्टीन सुविधाएँ
8. परिसर में सोमवार से शुक्रवार अंशकालीन डॉक्टर और नर्स (पूर्णकालीन) उपलब्ध हैं।
9. पुस्तकालय सुविधाएँ
10. परिसर प्लेसमेन्ट साक्षात्कार
प्रत्येक वर्ष जुलाई/अगस्त के महीने में शिक्षा स्नातक (बि.एड.) में प्रवेश किया जाता है। पाठ्यक्रम में इच्छुक अभ्यर्थियों को प्रवेश प्राप्त करने हेतु सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीईई) से होकर गुजरना पड़ता है। मार्च/अप्रैल के महीनेमें वेबसाइट पर सीईई की अधिसूचना प्रकाशित की जाती है और पात्र अभ्यर्थी मई/जून में परीक्षा में उपस्थित हो सकते हैं।
दो वर्षीय नियमित, पूर्णकालीन पाठ्यक्रम हेतु नवागत विद्यार्थियों की संख्या 50 है। उत्तर पूर्वी आठ राज्यों (अर्थात असम, मेघालय, मणिपुर, मिज़ोरम, अरूणाचल प्रदेश, नागालैण्ड, सिक्किम और त्रिपुरा) को पूर्व की परिपाटियों एवं आरक्षण नीति (सीट मैट्रिक्स संलग्न) के अनुसार सीटों की संख्या प्रदान की जाती है। पाठ्यक्रमवार सीटों की संख्या विज्ञान एवं गणित के लिए 1.25 सीटें और सामाजिक विज्ञान के लिए 2.25 सीटें होती हैं।
विश्वविद्यालय शुल्क (धन प्रेषण)
1. पंजीकरण शुल्क (नेहु, शिलांग में पंजीकृत विद्यार्थियों से प्रभारनीय नहीं)
2. विश्वविद्यालय प्रवेश शुल्क रु. 100/-
3. परीक्षा शुल्क रु. 700/-x2 (ऑड एवं ईवन परीक्षाएँ) रु. 1400/-
(यदि विश्वविद्यालय अपना शुल्क संशोधित करता है, तदनुसार प्रभारित होगा)
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सत्र 2019-20 डाउनलोड सत्र हेतु शुल्क ढांचा
सीट मैट्रिक्स
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