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इस समिति को 09.04.2019 के प्रभाव से एनईआरआईई, एनसीईआरटी, शिलांग के संबंध में अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के सदस्यों के रूप में निम्नवत् अध्यापक/स्टाफ के साथ एतद्वारा पुनर्गठित किया जाता है वर्ष 2019-20 के लिए
अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ
लोगों की बहु-जाति, बहु-धर्म, बहु-भाषा और बहु-संस्कृति समूह हमारे देश की पहचान हैं। यह कार्य-स्थल पर प्रदर्शित होता है। अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा को सुनिश्चित करने के लिए अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की स्थापना की गई है। यह प्रकोष्ठ आशा करता है कि यह अल्पसंख्यकों के हितों की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने में समर्थ होगा।
1. डॉ. एफ.जी. ढखार, प्रोफेसर - अध्यक्ष एवं नोडल अधिकारी
2. . डॉ. मेलिसा वॉलंग, सहायक प्रोफेसर - सदस्य
3. डॉ. टी. न्यूमेई, सहायक प्रोफेसर - सदस्य
अ.जा./अ.ज.जा. प्रकोष्ठ
हिंदी प्रकोष्ठ
राजभाषा कार्यान्वयन समिति (ओएलआईसी), एनईआरआईई, शिलांग
यह समिति एनसीईआरटी द्वारा इस संबंध में समय-समय पर जारी दिशानिर्देशों के अनुसार तत्काल प्रभाव से दो वर्ष की अवधि अथवा आगामी आदेशों तक कार्य करगी।
देवनागरी लिपि में हिंदी संघ की राजभाषा है। संघ के सरकारी प्रयोजनों के लिए प्रयुक्त अंको का स्वरूप भारतीय अंकों का अंतरराष्ट्रीय स्वरूप होगा संविधान का अनुच्छेद 343(1)। हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी भाषा को भी सरकारी प्रयोजनों में प्रयुक्त किया जाता रहेगा (राजभाषा अधिनियम की धारा 3)। संसद के कार्य कको अंग्रेजी या हिंदी में संचालित किया जा सकता है। तथापि राज्य-सभा के माननीय अध्यक्ष अथवा लोकसभा के माननीय अध्यक्ष किसी सदस्य को विशष परिस्थितियों में अपनी मातृभाषा में संबोधन की अनुमति दे सकते हैं (संविदान का अनुच्छेद 120)
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए)
उत्तर पूर्व क्षेत्र में आर एम एस ए के कार्यकलापों को प्रारंभ करने और मुद्दों को संबोधित करने के लिए माध्यमिक शिक्षा के चार सदस्यों के समूह का गठन किया गया है। उस समूह के सदस्य निम्नवत् है:
| एनईआरआईई, एनसीईआरटी द्वारा डिज़ाइन एवं विकसित | | एनआईसी द्वारा समर्थित | | प्रयोग की शर्तें | |विजिटर सं.: |